शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

ULLU BANAAVING


१ अप्रैल, २०१४
'मूर्ख-दिवस' , ह्म्‍म्म्मम...... !  कित्ता बुरा लगता है न, जब कोई अपने को उल्लू बनाए ! थोड़ी सी शर्म भी आती है, कि हाए राम, हम तो खुद को इत्ता हुसियार समझते हैं और इसने कैसे ठग लिया ! फिर मन-ही-मन उससे बदला लेने का प्लान करते हैं, पर सेम टाइम होने की वजह से अपुन का प्लान तुरंत ही फेल हो जाता है ! और तब खिसियाते हुए अपनी बत्तीसी निपोरना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है ! :)

हुन्ह, हामी भरने की कोई ज़रूरत नहीं !  :/ बुरा लगता है, तो इतने सालों से इन भ्रष्ट, झूठे लोगों को ( सिर्फ़ नेता ही हों, ज़रूरी नहीं, झूठ तो हर तबके के लोग बोलते हैं, ये तो बस Expert हो गये हैं) बर्दाश्त क्यूँ कर रहे हो ?? ये सब बड़े खुश होंगे आज तो, कि हम बरसों से सब को कैसे ' ULLU BANAAVING ', वो भी बिना IDEA Network के !  :D

आज तो मातम का दिन है,  हिन्दी में बोले तो - "विश्वास टूटन दिवस" !    :P :D

प्रीति 'अज्ञात'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें